


ऑपरेशन सिंदूर पर बोलते हुए, थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा कि 23 तारीख को हम सब बैठे। यह पहली बार था कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, 'बस बहुत हो गया'। तीनों सेना प्रमुख इस बात पर बिल्कुल स्पष्ट थे कि कुछ किया जाना चाहिए। पूरी छूट दी गई थी, 'आप तय करें कि क्या करना है।' इस तरह का आत्मविश्वास, राजनीतिक दिशा और राजनीतिक स्पष्टता हमने पहली बार देखी।
आईआईटी मद्रास में एक संबोधन के दौरान उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर को समझाने के लिए शतरंज का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा, 'ऑपरेशन सिंदूर में हमने शतरंज खेला। हमें नहीं पता था कि दुश्मन की अगली चाल क्या होगी और फिर हम क्या करने वाले हैं। इसे ग्रे जोन कहते हैं। ग्रे जोन का मतलब है कि हम पारंपरिक ऑपरेशन नहीं कर रहे हैं। हम जो कर रहे हैं, वह पारंपरिक ऑपरेशन से थोड़ा कम है। हम शतरंज की चालें चल रहे थे। दुश्मन भी शतरंज की चालें चल रहा था। कहीं हम उन्हें शह और मात दे रहे थे, तो कहीं हम अपनी जान जोखिम में डालकर भी आगे बढ़ रहे थे, लेकिन यही तो जिंदगी है।'
यह पहली बार था, जब रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि बस, बहुत हो गया। तीनों सेना प्रमुख इस बात पर बिल्कुल स्पष्ट थे कि कुछ तो करना ही होगा। पूरी छूट दी गई। हमसे कहा गया कि आप तय करें कि क्या करना है। यह उस तरह का आत्मविश्वास, राजनीतिक दिशा और राजनीतिक स्पष्टता है, जो हमने पहली बारदेखी। यही आपका मनोबल बढ़ाता है। इसी तरह इसने हमारे सेना कमांडर्स-इन-चीफ को जमीन पर रहने और अपनी बुद्धि के अनुसार कार्य करने में मदद की।'